Sunday, 5 July 2015

खूबसूरत शायरी में गीता सार

यह जिस्म तो किराये का घर है;
एक दिन खाली करना पड़ेगा:!!

सांसे हो जाएँगी जब हमारी पूरी यहाँ;
रूह को तन से अलविदा कहना पड़ेगा:!!

वक्त नही है तो बच जायेगा गोली से भी;
समय आने पर ठोकर से मरना पड़ेगा:!!

मौत कोई रिश्वत लेती नही कभी;
सारी दौलत को छोंड़ के जाना पड़ेगा:!!

ना डर यूँ धूल के जरा से एहसास से तू;
एक दिन सबको मिट्टी में मिलना पड़ेगा:!!

सब याद करे दुनिया से जाने के बाद;
दूसरों के लिए भी थोडा जीना पड़ेगा:!!

मत कर गुरुर किसी भी बात का ए दोस्त:!
तेरा क्या है..? क्या साथ लेके जाना पड़ेगा...!!

इन हाथो से करोड़ो कमा ले भले तू यहाँ...
खाली हाथ आया खाली हाथ जाना पड़ेगा:!!

ना भर यूँ जेबें अपनी बेईमानी की दौलत से...
कफ़न को बगैर जेब के ही ओढ़ना पड़ेगा..!!

यह ना सोच तेरे बगैर कुछ नहीं होगा यहाँ;
रोज़ यहाँ किसी को 'आना' तो किसी को 'जाना' पड़ेगा..

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