Thursday 11 December 2014

दोस्त कुछ चीजें ऐसी भी हैं जो सालो से नहीं की....

   एक अखरोट आपको कितना आनंद दे सकता है! कल मैं ने बहुत सारे साल बाद दाँत से तोड़कर अखरोट खाए और बचपन के दिनों में खो गया| दाँत से अखरोट तोड़ते समय विको वज्रदंती की एड याद आ गयी| गौरी व्रत के दिन याद आए, और बाद मे स्कूल जाते समय मम्मी शर्ट की जेब मे काजू द्राक्ष और बादाम भर देती थी वह याद आया|
   आपको यह पूरी बात बेकार लगे लेकिन असली बात ये है दोस्त कि कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो आपने वर्षो से नहीं की| जैसे कि मैंने दाँतो से १५ साल पहले अखरोट तोड़कर छिला था, उसके बाद अब कल छिला तो मजा आ गया| इसी प्रकार हमारे जीवन मे भी छूटी हुई कई घटनाएँ होंगी| ऐसा क्या था जो सालो पहले किया था?? शायद कोई योगासन हो सकता है या फिर सूर्योदय देखने की तक हो सकती है| वाईफ के लिए सुबह की पहली चाय बनाने की इच्छा हो सकती है या वर्षो पहले आपका गाया हुआ कोई गीत हो सकता है| आज वो छूटा हुआ गीत फिर गीते हैं| सनराईज़ देखे हुए बहुत समय हो गया हो तो आज समय निकाल कर सूर्योदय के साक्षी बनो| पार्क मे झूला झूले कई साल बीत गये हो तो आज झूलो यार!
   बाय ध वे
   आज दिन की शुरूआत मे ऐसा करो कि आपका दिल आपको कहे कि वाह! आज मूड (mood) मे है ना दोस्त!!

Sunday 7 December 2014

हिन्दुत्व की जानकारी

अधूरा ज्ञान खतरनाक होता है।
33 करोड नहीँ 33 कोटि देवी देवता हैँ हिँदू
धर्म मेँ। कोटि = प्रकार। देवभाषा संस्कृत में
कोटि के दो अर्थ होते है, कोटि का मतलब
प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़
भी होता। हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के
लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33
करोड़ देवी देवता हैं और अब तो मुर्ख हिन्दू
खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़
देवी देवता हैं........
कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मेँ:
12 प्रकार हैँ आदित्य: , धाता, मित, आर्यमा,
शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष,
सविता, तवास्था, और विष्णु...! 8 प्रकार हैँ
वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष
और प्रभाष। 11 प्रकार हैँ- रुद्र: ,हर,
बहुरुप,त्रयँबक,
अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी,
रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली। एवँ
दो प्रकार हैँ अश्विनी और कुमार।
कुल: 12+8+11+2=33
अगर कभी भगवान् के आगे हाथ जोड़ा है
तो इस जानकारी को अधिक से अधिक
लोगो तक पहुचाएं। ।

Tuesday 18 November 2014

कुछ हिंदी फ़िल्मी गीत जो कुछ बीमारियों का वर्णन करते हैं:

गीत - जिया जले, जान जले, रात भर धुआं चले
बीमारी - बुखार
गीत - तड़प-तड़प के इस दिल से आह
निकलती रही
बीमारी - हार्ट अटैक
गीत - सुहानी रात ढल
चुकी है, न जाने तुम कब
आओगे
बीमारी - कब्ज़
गीत - बीड़ी जलाई ले जिगर से
पिया, जिगर म
बड़ी आग है
बीमारी - एसिडिटी
गीत - तुझमे रब दिखता है, यारा मैं क्या करूँ
बीमारी - मोतियाबिंद
गीत - तुझे याद न मेरी आई
किसी से अब
क्या कहना
बीमारी - यादाश्त कमज़ोर
गीत - मन डोले मेरा तन डोले
बीमारी - चक्कर आना
गीत - टिप-टिप बरसा पानी,
पानी ने आग लगाई
बीमारी - यूरिन इन्फेक्शन
गीत - जिया धड़क-धड़क जाये
बीमारी - उच्च रक्तचाप
गीत - हाय रे हाय नींद
नहीं आये
बीमारी - अनिद्रा
गीत - बताना भी नहीं आता,
छुपाना भी नहीं आता
बीमारी - बवासीर
और अंत में
गीत - लगी आज सावन की फिर
वो झड़ी है
बीमारी - दस्त

Wednesday 12 November 2014

सब्जीवाला लड़का

शाम का समय था। बच्चे सड़को पर खेल रहे थे। मैं अपने घर
में बैठा था और प्रसादजी की एक कहानी पढ़ रहा था।
कहानी खतम होने को आई थी कि मेरे कानों में आवाज़
पड़ी 'सब्जी ले लो सब्जी'। यूं तो इस तरह की आवाजें
तरकारी वाले प्राय: लागाते थे लेकिन ये आवाज़ कुछ अलग
थी। मैं किताब छोड़कर नीचे आ गया और इस आवाज़ के
मालिक को तलाशने लगा। मेरी नज़र सामने पड़ी एक
छोटा बालक तरकारी का ठेला धकाते हुए मेरी ओर बढ़
रहा था। बीच बीच में चिल्लाता जाता 'सब्जी ले
लो सब्जी'। उसकी उमर बारह या तेरह बरस से ज्यादा न
लगती थी। लड़का देखने में बहुत सुन्दर था उसके चेहरे से
मासूमियत टपक रही थी। उसे देखकर मेरे मन मैं अनगिनत
सवाल नाग की तरह फन फैलाने लगे।
वो अभी इतना छोटा था कि ठेलागाड़ी उससे धक भी न
पाती थी। उसे धकाने के लिए वो अपनी पूरी ताकत झोंक
देता था। जब लड़के
को ठेलागाड़ी मोड़नी होती थी तो वो उसे उठाने के लिए
पूरा झुक जाता था और अपने शरीर को पूरी तरह झोक
देता था।
वो मेरे पास आ गया और मेरे सामने ही आवाज़ लगाने लगा।
उसके बदन पर एक बहुत ही पतली सी सूती की बुशर्ट
पड़ी कुछ बटनों की जगह धागों ने ले रखी थी। जब
वो ठेला धकाता था तो उसके कूल्हें पतलूम के उधड़े हुए छेद
में से झंकाते थे। जब मैंने उसके पैरों पर नज़र
डाली तो देखा कि उसकी चप्पल बहुत ही छोटी थी। लड़के
की ऐड़ी चप्प्ल से बाहर निकल जाती थी। उसकी चप्पल
गल चुंकी थी और उनमें छेद पड़ गये थे। धूल मिट्टी और
पानी उन छेदों से पार निकल जाता होगा। फिर
वो ठेला धकाता हुआ मेरे सामने से निकल गया। कुछ समय
तक तो मैं उसे देखता रहा और फिर वो मेरी आंखों से ओझल
हो गया। लेकिन वो लड़का मेरे मन में बस चुका था। दरअसल
उस लड़के को देखकर मुझे भी अपने बचपन के दिन याद आ
गये थे। उस लड़के में मुझे अपना बचपन नज़र आने लगा था ।
अगले दिन मैं उसे लड़के का इंतज़ार करने लगा। कुछ देर बाद
वो आता दिखा और मेरे सामने आकर रूक गया।
उसने मेरी ओर देखा और मासूमियत भरी आवाज़ में पूछा,
बाबूजी कुछ चाहिए क्या?
मुझे सब्ज़ी नहीं लेनी थी लेकिन फिर भी मैंने हां कर दी और
मुझे उससे बात करने का मौका मिल गया।
मैंने पूछा, तुम इतनी कम उमर में काम क्यों करते हों?
लड़के ने सीधे जवाब दिया, मेरे बाबा मर गये इसलिए।
मैंने दुख कि भावना प्रकट करते हुए पूछा,
तुम्हारी मां कहां है?
लड़का बोला, मेरी मां बीमार रहती है वो कुछ काम
नहीं कर सकती। इसलिए मैं काम करता हूं।
इतना कहकर लड़का बोला बाबूजी अब मैं चलता हूं
नहीं तो देर हो जाएगी। मैंने उससे बिना कोई मोल भाव
किये ही कुछ सब्जियां ले ली और वो चला गया।
इस खेलने कूदने की उम्र में वो लड़का एक परिपक्व पुरूष बन
चुका था और भला बुरा सब जानता था। जिस उम्र में बच्चे
पांच किलो भार भी न उठा पाते वो लड़का पचास
किलो का ठेला धकाता था। उस बालक को आवश्यकता ने
कितना मज़बूत और चतुर बना दिया था। मेरे मन में उस बालक
के प्रति साहनुभूति ने जन्म ले लिया था और मैंने मन ही मन
उसे अपना मित्र मान लिया था। मैं हर दिन उससे बिना मोल
भाव के सब्जिया खरीदने लगा। एक दिन मैं किसी काम से
बाहर चला गया और शाम को उस लड़के से न मिल सका।
जब मैं रात को घर लौट रहा था कि मेरी नज़र उस लड़के पर
पड़ी वो सड़क के किनारे सिर झुकाकर दुखी अवस्था में
बैठा था।
मैंने पूछा, क्या हुआ?
लड़के ने बहुत धीमी आवाज़ में बोला, बाबूजी आज सब्जी न
बिकी।
मैंने कहा, कोई बात नहीं कल बिक जाएगी।
लड़का बोला, अगर आज पैसे न मिले तो मैं मां की दवा न
खरीद सकूगां।
मैंने इतना सुना और मैं अपने बटुए से सौ सौ के दो नोट
निकालकर उसे देने लगा। लड़का स्वभिमान के साथ
बोला कि मैं भीख नहीं लेता बाबूजी। उसके ये बोलते
ही मुझे अपनी भूल का एहसास हो गया और मैं अपने घर
चला गया। घर से होकर मैं वापस लड़के के पास गया।
वो अभी भी वहीं बैठा था और प्रतीक्षा कर
रहा था कि कोई उससे कुछ खरीद ले। मुझे फिर से देखकर
लड़का खड़ा हो गया और मैंने कहा कि घर में सब्जी नहीं है
कुछ दे दो। ये शब्द सुनते ही लड़के के चेहरे पर मुस्कान आ
गई। मैंने एक बहुत बड़ा झोला निकाला और उसमें
सब्जी भरने लगा कुछ ही समय में झोला भर गया। फिर मैंने
लड़के से पूछा कितने पैसे हुए? वह कुछ बोल न सका और
उसकी आँखों से आँसू निकल आए। वो मेरी चाल को समझ
गया था। उसे रोता देख मैंने उसे चुप किया और फिर
पूछा कितने पैसे? इस बार लड़के ने कहा बाबूजी तीन
सौ चालीस रूपये हुए। मैंने उसे पैसे दिए और कहा कि अब
तुम्हारा थोड़ा ही माल बचा है। अब तुम घर जाओ।
लड़का मुझे धन्यवाद बोलकर चला गया और मैं
भी ख़ुशी ख़ुशी अपने घर आ गया।
इसी तरह समय बीतता गया और लड़का मुझसे घुल मिल
गया। मैं उससे रोज सब्ज़ी ले लेता था और मेरी मां मुझ पर
चिल्लाती कि तुम्हें भी सब्ज़ी की दुकान लगानी है क्या?
जो हर दिन झोला भर सब्ज़ी ले लेते हो। एक शाम मैं लड़के
का इंतज़ार कर रहा था। रात होने को आई थी। पर वो न
आया था। दूसरे दिन भी लड़का नहीं आया। इसी तरह चार
दिन बीत गये। मेरे मन में अनगिनत बुरे विचार आने लगे। मैंने
फैसला किया कि मैं लड़के को खोजूंगा। लेकिन कैसे? मैंने
तो उससे आज तक उसका नाम भी न पूछा था और
वो कंहा रहता है? ये पूछना तो मेरे लिये दूर की बात थी।
फिर भी मैं निकल पड़ा उसे खोजने के लिए। पहले तो मैं उस
नुक्कड़ पर गया। जंहा वो रात को खड़ा होता था। मैंने
कुछ दूसरे सब्जी वालो से पूछा तो सब ने कहा कि साब
वो तो तीन चार दिनों से आया ही नहीं। मैंने एक से
पूछा कि वो कंहा रहता है? कुछ पता है? उसने न में सिर
हिलाया। मुझे निराशा हाथ लगी और मैं घर आ गया। मैं घर
में सोच की मुद्रा में बैठा था।
मां ने पूछा, क्या हुआ?
मैंने कहा, कुछ नहीं।
मां ने कहा, मुझे पता है कि वो लड़का कंहा रहता है।
ये सुनते ही मैं उठ खड़ा हुआ। लेकिन मां को ये
कैसा पता चला कि मैं उस लड़के के लिए परेशान हूं।
महात्माओं ने सत्य ही कहा है कि मां सर्वोपरि है। वो पुत्र
की आंखों में देखकर उसकी बात समझ सकती है। मैंने झट से
मां से लड़के का पता लिया और लड़के की घर की ओर
लपका। कुछ देर की मेहनत के बाद मैं उसके घर पहुँच
ही गया। लड़के के पास घर के नाम पर मात्र टपरिया थी।
घास फूंस से बनी हुई जैसी गॉवों में बनी होती है।
लड़का मुझे बाहर ही दिख गया मुझे देखकर वो चौंक गया।
लड़का पूछता है, बाबूजी आप यंहा क्या कर कर रहें हैं?
मैंने उत्तर दिया, तुमसे मिलने आया हूं।
मैंने पूछा , तुम कुछ दिनों से आए क्यों नहीं?
लड़का बोला, बाबूजी मां बहुत बीमार है।
मैंने पूछा, कहां है तुम्हारी मां?
लड़का मुझे घर के भीतर ले गया। एक औरत मैली साड़ी में
नीचे पड़ी थी उसकी साड़ी कई जगह से फटी हुई थी।
कपडों के नाम पर वह चिथड़े लपटे थी। उसकी मां बहुत
बीमार थी। कुछ बोल भी न सकी। मैं बाहर निकल
आया और मैंने लड़के से पूछा कि तुम्हारे पास पैसे हैं। लड़के ने
हां में सिर हिलाया और फिर में घर आ गया। लड़के
की ऐसी हालात ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया और
आधी रात तक उसके बारे में सोचता रहा। मुझे समझ आ
गया था कि क्यों वो लड़का पढ़ाई और खेलकूद त्याग कर
ठेला धकाता था।
लड़का कुछ दिन और न आया समय गुजरता गया। इतवार के
दिन दोपहर का समय था। गरमी इतनी भयंकर थी कि अगर
आंटे की लोई बेलकर धूप में रख दे तो सिककर रोटी बन
जाए। मुझे लड़के की आवाज़ सुनाई दी। मैं बाहर निकला।
गरमी बहुत तेज थी। मैंने पूछा तुम्हारी मां कैसी है?
लड़का बोला अब तो ठीक है। मुझे ख़ुशी हुई।
बातों ही बातों में मेरी नज़र उसके पैरों पर पड़ी वो नंगे पैर
था।
मैंने गुस्से से पूछा, तुम्हारी चप्पल कहां है?
लड़का डरते हुए बोला, बाबूजी टूट गई।
मैंने कहा, तो तुम ऐसे ही आ गये।
वो बोला, तो और क्या करता बाबूजी घर में पैसे नहीं हैं।
इसके बाद मैं कुछ न कह सका।
लड़का चला गया और नंगे पैर ही सब्जी बेचने लगा। कुछ
दिन बीत गये लेकिन उसे ऐसे नंगे पैर देख मुझे चैन न आता था।
वो भरी दोपहरी नंगे पैर ठैला धकाता उसकी हालात के बारे
में सोचकर मेरा मन विचलित हो जाता था। फिर मैंने
सोचा कि क्यों न मैं उसे एक जोड़ जूते ला दूं। लेकिन
तभी मुझे याद आया कि जिस तरह उसने पैसे लेने से मना कर
दिया था। यदि उसी प्रकार जूते लेने से भी न कह दिया तो।
बहुत चितंन के बाद आखिर मैंने उसके लिए जूते लाने का मन
बना ही लिया। झटपट तैयार होकर मैं बाज़र पहुंचा। मैंने
सोचा कि दौ सौ या तीन सौ रूपए के जूते लूंगा। फिर मैंने
सोचा कि ये जूते तो उस लड़के के पासे दौ महीने भी न
चलेगें। मैं पास ही जूतों के एक बहुत बड़े शोरूम में गया। मैंने
सेल्समेन से कहा कि कोई ऐसा जूता दिखाओ जिसे पहनकर
पहाड़ो पर चढा़ जा सके। उसने कहा आपके लिए। मैंने
कहा नहीं बारह साल के लड़के के लिए। उसने तुरंत एक
चमचमाता जूतों का जोड़ निकाला। ये बहुत मजबूत था और
सब्ज़ीवाले लड़के के लिए एकदम सही था। मैंने
वो जूता लिया और घर आ गया।
मैं शाम को लड़के की राह देखने लगा। लेकिन लड़का रात
होने पर भी नहीं आया। ऐसा तो नहीं कि आज वो पहले
ही आकर चला गया हो। मैं तुंरत नुक्कड़ की ओर बढ़ा।
लड़का वंहा बैठा हुआ था। मुझे देखकर
सहसा ही खड़ा हो गया। उसके पैर में अभी भी चप्पल
नहीं थी। जूते का थैला मेरे हाथ में लटका था और
लड़का बराबर उसकी ओर देखे जा रहा था। मैं ये सोचने
लगा कि लड़का खुद ही इस थैले के बारे में पूछेगा। लेकिन
उसने एक बारगी भी थैले के बारे में न पूछा। फिर मैंने खुद
ही उससे कहा कि मैं तुम्हारे लिये कुछ लाया हूं। ये सुनते
ही उसके मुख पर तिरस्कार की भावना आ गई। उसने हाथ
हिलाकर कहा कि मैं आपसे कुछ न लूंगा बाबूजी। बहुत
समझाने के बाद आखिरकार वो मान गया। मैंने फटाफट जूते
का डब्बा खोलकर उसे दिखाया। पहले तो वो खुश हुआ
लेकिन एकपल बाद ही उसकी आंख गीली हो गई। मेरे
समझाने पर उसने रोना बंद कर दिया। वो मुझे धन्यवाद
कहने लगा। उसने कम से कम मुझे दस बार धन्यवाद
कहा होगा। उसने जूते ले लिए और मैं घर आ गया। मैं बहुत
खुश था कि अब उसे नंगे पैर न घूमना पडे़गा। इसके बाद तीन
दिन तक मैं किसी कारणवश लड़के से मिल न सका। चौथे दिन
लड़का भरी दोपहरी में चिल्लाता हुआ आया। मैं उससे मिलने
बाहर निकला और सबसे पहले उसके पैरो को देखा। वो नंगे
पैर था।
मैंने उससे पूछा, तुम्हारे जूते कहां है?
लड़का चुपचाप खड़ा रहा और कुछ न बोला।
मैंने इस बार गुस्से से सवाल को दोहराया।
लड़का डरकर थोड़ा पीछे हट गया और नज़रे नीचे करके
बोला।
बाबूजी, मैंने जूते बेच दिये।
ये सुनते ही मैं आग बबूला हो गया और लड़के को दुनियाभर
की बातें सुनाने लगा।
मैंने पूछा, जूते क्यों बेचे?
लड़का बोला बाबूजी मेरी मां की साड़ी फट गई थी तो मैंने
वो जूते बेचकर अपनी मां के लिए साड़ी खरीद ली।
बाबूजी मैं कुछ दिन और नंगे पैर घूम सकता हूँ। लेकिन
मां की फटी साड़ी देखकर मुझे अच्छा न लगता था।
लड़का कहने लगा मुझे जूतों की इतनी आवश्यकता न थी।
जितनी कि मां के बदन पर साड़ी की।
उसकी ये बातें सुनकर मेरे सारे गुस्से पर पानी फिर गया और
उसके सामने मैं अपने आपको बहुत छोटा महसूस करने लगा।
उस लड़के के मुख से इतनी बड़ी बड़ी बातें सुन मैं अचंभित
हो गया। मुझे उस लड़के पर गर्व महसूस होने लगा। मैंने
देखा कि लड़का खुश था। उसके चेहरे पर मुस्कान
थी जो मैंने आज से पहले कभी न देखी थी। वो नंगे पैर
ही ठैला धकाता हुआ चला गया। मैंने जाते जाते उससे
पूछा बेटा तुम्हरा नाम क्या है? उसने हंसते हुए कहा संजय।

MJ The Best

Saturday 19 July 2014

"श्री मद्-भगवत गीता" के बारे में-

किसको किसने सुनाई?
उ.- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई।
कब सुनाई?
उ.- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई।
भगवान ने किस दिन गीता सुनाई?
उ.- रविवार के दिन।
कोनसी तिथि को?
उ.- एकादशी
कहा सुनाई?
उ.- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में।
कितनी देर में सुनाई?
उ.- लगभग 45 मिनट में
क्यू सुनाई?
उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य
सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-
ज्ञान सिखाने के लिए।
कितने अध्याय है?
उ.- कुल 18 अध्याय
कितने श्लोक है?
उ.- 700 श्लोक
गीता में क्या-क्या बताया गया है?
उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत
व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से
व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन
जाता है।
गीता को अर्जुन के अलावा
और किन किन लोगो ने सुना?
उ.- धृतराष्ट्र एवं संजय ने
अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें
मिला था?
उ.- भगवान सूर्यदेव को
गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?
उ.- उपनिषदों में
गीता किस महाग्रंथ का भाग है....?
उ.- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व
का एक हिस्सा है।
गीता का दूसरा नाम क्या है?
उ.- गीतोपनिषद
गीता का सार क्या है?
उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना
गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
उ.- श्रीकृष्ण ने- 574
अर्जुन ने- 85
धृतराष्ट्र ने- 1
संजय ने- 40.

पाँच पाण्डव तथा सौ कौरवों के नाम

पाण्डव पाँच भाई थे जिनके नाम हैं -
1. युधिष्ठिर
2. भीम
3. अर्जुन
4. नकुल
5. सहदेव
( इन पांचों के अलावा , महाबली कर्ण
भी कुंती के ही पुत्र थे , परन्तु
उनकी गिनती पांडवों में नहीं की जाती है )
यहाँ ध्यान रखें कि… पाण्डु के उपरोक्त
पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन
की माता कुन्ती थीं ……तथा , नकुल और सहदेव
की माता माद्री थी ।
वहीँ …. धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र…..
कौरव कहलाए जिनके नाम हैं -
1. दुर्योधन
2. दुःशासन
3. दुःसह
4. दुःशल
5. जलसंघ
6. सम
7. सह
8. विंद
9. अनुविंद
10. दुर्धर्ष
11. सुबाहु
12. दुषप्रधर्षण
13. दुर्मर्षण
14. दुर्मुख
15. दुष्कर्ण
16. विकर्ण
17. शल
18. सत्वान
19. सुलोचन
20. चित्र
21. उपचित्र
22. चित्राक्ष
23. चारुचित्र
24. शरासन
25. दुर्मद
26. दुर्विगाह
27. विवित्सु
28. विकटानन्द
29. ऊर्णनाभ
30. सुनाभ
31. नन्द
32. उपनन्द
33. चित्रबाण
34. चित्रवर्मा
35. सुवर्मा
36. दुर्विमोचन
37. अयोबाहु
38. महाबाहु
39. चित्रांग
40. चित्रकुण्डल
41. भीमवेग
42. भीमबल
43. बालाकि
44. बलवर्धन
45. उग्रायुध
46. सुषेण
47. कुण्डधर
48. महोदर
49. चित्रायुध
50. निषंगी
51. पाशी
52. वृन्दारक
53. दृढ़वर्मा
54. दृढ़क्षत्र
55. सोमकीर्ति
56. अनूदर
57. दढ़संघ
58. जरासंघ
59. सत्यसंघ
60. सद्सुवाक
61. उग्रश्रवा
62. उग्रसेन
63. सेनानी
64. दुष्पराजय
65. अपराजित
66. कुण्डशायी
67. विशालाक्ष
68. दुराधर
69. दृढ़हस्त
70. सुहस्त
71. वातवेग
72. सुवर्च
73. आदित्यकेतु
74. बह्वाशी
75. नागदत्त
76. उग्रशायी
77. कवचि
78. क्रथन
79. कुण्डी
80. भीमविक्र
81. धनुर्धर
82. वीरबाहु
83. अलोलुप
84. अभय
85. दृढ़कर्मा
86. दृढ़रथाश्रय
87. अनाधृष्य
88. कुण्डभेदी
89. विरवि
90. चित्रकुण्डल
91. प्रधम
92. अमाप्रमाथि
93. दीर्घरोमा
94. सुवीर्यवान
95. दीर्घबाहु
96. सुजात
97. कनकध्वज
98. कुण्डाशी
99. विरज
100. युयुत्सु
( इन 100 भाइयों के अलावा कौरवों की एक बहन
भी थी… जिसका नाम""दुशाला""था,
जिसका विवाह"जयद्रथ"सेहुआ था )

Friday 4 July 2014

रोचक बातें शायद ही आपने कही पढ़ा हो !!

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1. चीनी को जब चोट पर लगाया जाता है
तो दर्द तुरंत कम हो जाता है.
2. जरूरत से ज्यादा टेंशन आपके
दिमाग को कुछ समय के लिए बंद कर
सकती है.
3. 92% लोग सिर्फ हस देते हैं जब
उन्हे सामने वाले की बात समझ नही आती.
4. बतक अपने आधे दिमाग
को सुला सकती हैं जबकि उनका आधा दिमाग
जगा रहता है.
5. कोई भी अपने आप को सांस
रोककर नही मार सकता.
6. स्टडी के अनुसार : होशियार
लोग ज्यादा तर अपने आप से बातें करते हैं.
7. सुबह एक कप चाय की बजाए एक
गिलास ठंडा पानी आपकी नींद
जल्दी खोल देता है.
8. जुराब पहन कर सोने वाले लोग
रात को बहुत कम बार जागते हैं
या बिल्कुल नही जागते.
9. फेसबुक बनाने वाले मार्क
जुकरबर्ग के पास कोई कालेज डिर्गी नही है.
10. आपका दिमाग एक भी चेहरा अपने आप
नही बना सकता आप जो भी चेहरे सपनों में देखते हैं
वो जिदंगी में
कभी ना कभी आपके द्वारा देखे जा चुके होते हैं.
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Sunday 29 June 2014

The Great Hinduism

Hinduism is only the religion of peace. It is
the only religion which have scientific
origination. The most intellectual religion of
the world. Some great facts about Hinduism
are as follows:
1. Aryabhatta invented zero "0". Without
which maths was not possible.
2. Bhaskaracharya was a mathematician and
astrologist who provided the diameter of
earth hundreds of years back. Presently
NASA found only 1% difference between the
diameter given by Bhaskaracharya and
NASA.
3. It is said that Jesus learned the powers
from India during 10 years undocumented
time of his life.
4. Principle of electricity is described
clearly in Vedas.
5. 8700 year old book documents the 7
planets and also the fact that pluto's orbit
cuts through Neptune's.
6. Gravity was known to Hindus around
5000 years back. As it is clearly stated in
Mahabharata about solar eclipse prediction
from Lord Krishna; this clearly means he
and other hindus of that time was aware of
gravity.
7. Computer understands the Sanskrit
language most easily.
8. Bhagwad Gita is the text which described
about the delusion of maya. About
equaninity, oneness in god. It can be said
that every religion stole the concept from
Hindusim.
9. Vimanashashtra was the technology by
which it was possible to fly vehicle's without
fuel.
10. Yoga and Meditation is the best way to
know your self and to god. As hinduism is
the only religion which says that every
person is god. And every person can attain
the same state by purity of thoughts,
awareness and knowledge.
Finally it can be said that Hinduism is a sea
of knowledge. It is a religion of
intelligentsia. Which can't be understood by
comparison. It must be learned, and
understood before practicing.
Hinduism also known as sanatan dharma
which has vedic way of life who teaches the
most incredible technocratic way of life
such as:
1) Vastu sashtra and tantric shatras
(Incredible technique of building temples,
homes, offices, land management, etc ).
2) Engineering techniques of tantric (word
technique has been derived from ancient
sanskrit word tantra and tantric) and
Atharvedic rigorous techniques of most
sophisticated calculations of the world
which also deals with the economics,
science, mathematical economy, astrology,
mineral-chemical-atomic studies, most
exact prediction of solar and lunar eclipse,
days and night timing prediction, monsoon
and and different seasons prediction,
cosmic radiation from different stars and
planet on earth and its behavior on human
animal and plant help so that we can react
and do our duties properly, etc from olden
days of 20, 000 years+ and many years
before from it. And the prediction done by
Hindu vedic calender doesn't have any
match in the world and it cannot be
challenged or win by any religious scripts in
the world. The most perfect scientific
human civilization.
3) Ayurveda also known for the best of the
best medicines in the world has been
formulated by the vedic civilization and
these medical technology developed has
great property of curing many types of
diseases in which allopathy modern
medicine has also get failed. Also surgery
known as Śalya-cikitsā, Śālākya-tantra is
also mentioned in divine books of Sushruta
Samhita, etc and also many mystic gurus
such as bruspati, sukrachayra, etc are
known for their excellence in knowledge of
ayurved and application of their knowledge
in ayurvedic medicine on humans, animals,
plants, etc. It has also been mentioned that
gurus like bruspati and shukracharya has
the blessings from the lord shiva, visnu and
brahma that they can make alive those
persons who on the verge of death or they
are just now dead with their excellent mind
and knowledge of hind vedic shatras.
4) Indians and vedic civilizations peoples in
olden days of 40000-5000 days years
before knows the very secret techniques of
aeronautics, weaponology in different types
of bombs, missiles, fire and radiation
throwing weapons, etc. It is a prof that
India is birth place and laboratory of
missiles which even alexander army was
afraid of and then early islamic
mohammedian terrorist army send by
mohammad and his disciples for their
terror gain and wrong use for destruction
of earlier gods own civilization developed
by god himself such as vedic sanatan
dharma and budhhist dharma which is a
brach of knowledge of sanatan dharma o
was also afraid of and then they learn from
hindus by making friendship and then they
strobe the knife on hindus back. Later
during british colonization british where
also afraid of Hindu warrior ships which
where assembled with rocketry missiles
(thob), magnetic compass, canvas, human
based navigation and machine operations,
so when they conquered coastal India by
unfair means and by friendship they first
learn the techniques of these ships. One of
the examples of these kind of ships where
used by Great mighty Kalingans and Great
Cholas.
5) India and Hindu civilization is also the
home of treatment of diseases by air
inhaling and sound vibration based vedic
mantas techniques by performing yagya or
sacrifical bon fire which is performed by
used many pure and costly things such as
sandal wood, hom wood, pure desi ghee
(Ghee from cows milk only), rice ganga or
any sacred rivers water, gold and silver
micro foils so that after burning of these
rich metals can be consumed by humans;
etc. Earlier other religion peoples such as in
abrahmic religon peoples where not
believing in this technique of wellness,
blessing and treat of diseases but now
recent testing and certain substance such as
quartz, diamond, gems, wood, collagen,
bones, different crystals;etc which reacts
with the application of the high frequency
sound and electrical energy and thermal
energy which reacts accordingly.
6) India and Vedic civilization is also the
home of origin of love and compassion
towards others (human, animal, nature;etc)
vedic civilization is also the home of early
musical instruments and songs which are
mentioned in Samveda and Gita (GITA also
known as GEETA is a song towards praise of
GOD LORD KRISHNA-VISHNU).
VEDIC SANATANI dharma which most of the
world peoles called as religion is a pre-
religion also known as legion or legend is
not a religion but is the mother and father
of all culture and civilization is a created by
GOD BRAHMA_VISHNU_SHIVA itself and is
the greatest of all religion and all religion
and invaders to HINDU SANATIC VEDIC
world had copied it from HINDU SANATIC
VEDIC civilization.
The mammoth knowledge of 4-veds, 108-
upanishads, gita, 18-puranas and different
books are spoken by GOD VISHNU itself.
At last it rest on the peoples of this world to
follow the righteous path of lord (god)
itself. HAR HAR MAHADEV...
Hinduism followed the scientific principles
over 10000 years ago. It is the oldest
religion in the world and also the most rich
in culture.
Well, an 8700 year old book documents the
7 planets and also the fact that pluto's orbit
cuts through Neptune's.
Hindus were men of science. Only during
the colonial period of India, Hinduism was
supressed by the colonizers and the islamic
sultans before them.
But, hinduism isn't only a religion but It is a way of life.